ECG Full Form in Hindi,Test,Result, Machine
दोस्तो आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिनके मन में ECG का फुल फॉर्म क्या होता है (ECG Full Form in Hindi), ECG क्या होता है, ECG करवाने की जरूरत क्यों पड़ती है, ECG करवाने से पहले क्या करें, ECG करवाने के दौरान क्या होता है, क्या ECG करवाने में कोई जोखिम है जैसे सवाल उत्पन्न होते हैं और अगर आप भी ECG से जुड़े इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
ECG का फुल फॉर्म (ECG Full Form in Hindi):
दोस्तों अगर बात की जाए ECG के फुल फॉर्म की तो वह होता है “एलेक्ट्रोकार्डियोग्राम” (Electrocardiogram).
ECG क्या होता है? What is ECG in Hindi?
दोस्तों ECG या एलेक्ट्रोकोर्डियोग्राम एक ऐसा टेस्ट है जो हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को बताता है। दोस्तों हमारे हार्ट की हर एक धड़कन या हार्टबीट एक इलेक्ट्रिकल सिग्नल या इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के वजह से होती है। अगर सरल शब्दों में कहें तो हमारा हार्ट इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण ही धड़कता है। इस इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण ही हमारे हार्ट के मसल या मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और हार्ट से ब्लड सर्कुलेट (Circulate) होता है या पंप होता है।
दोस्तों हमारा हार्ट एक मोटर की तरह काम करता है जो ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) यानी की नसों के माध्यम से पूरे शरीर में ब्लड को पहुंचाता है जो कि एक इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण ही होता है।
ECG टेस्ट के द्वारा आपके डॉक्टर को यह पता चलता है कि आपके हार्ट में विद्युत आवेग यानी कि इलेक्ट्रिकल इम्पल्स (Electrical Impulse) सामान्य गति से चल रही है, तेज गति से चल रही है,धीमा चल रही है या फिर अनियमित गति से चल रही है।
दोस्तों इस टेस्ट से यह भी पता चलता है कि आपका हार्ट सामान्य से बड़ा है या इसे सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ रहा है। इसके अलावा इससे यह भी पता चलता है कि आपके हार्ट की मांसपेशियों को हार्टअटैक के दौरान किसी प्रकार का नुकसान पहुंचा है या नहीं।
ECG क्यों किया जाता है (What is the purpose of ECG in Hindi):
दोस्तों आमतौर पर हार्ट से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टर आपको ECG टेस्ट करने की सलाह देते हैं जैसे: सीने में दर्द होना, सांस लेने में कठिनाई होना थकान या कमजोरी महसूस होना, ह्रदय की धड़कन का तेज हो जाना, हार्ट का असामान्य रूप से धड़कना, हार्ट की असामान्य ध्वनि सुनाई देना, हार्टअटैक आने पर किसी भी प्रकार की सर्जरी करने से पहले भी ये टेस्ट किया जाता है।
हार्ट के मसल श्याम मांसपेशियों का असामान्य रूप से मोटा होने पर भी ये टेस्ट किया जाता है। ECG टेस्ट के जरिए डॉक्टर इन लक्षणों से उत्पन्न होने वाले कारणों का पता लगाते हैं और उसी के आधार पर यह तय किया जाता है कि मरीजो को किस प्रकार के इलाज की जरूरत है। दोस्तों ECG या एलेक्ट्रोकोर्डियोग्राम टेस्ट आपके हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को एक ग्राफ के रूप में दर्शाता है।
ECG टेस्ट कैसे किया जाता है?
दोस्तों इस ECG एक पेन फ्री टेस्ट है यानी कि इस टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता है। इस टेस्ट में मरीज के कपड़े उतरवा लिए जाते हैं और उस मरीज को एक बेड पर लेटा दिया जाता है। इसके बाद मरीज के शरीर पर लग-अलग जगहों पर इलेक्ट्रोड्स लगा दिए जाते हैं जैसे चेस्ट में, हाथों पर और पैरों पर।
ECG करवाने से पहले क्या करें?
ECG टेस्ट करने से पहले शरीर पर किसी भी प्रकार की चिकनाई युक्त पदार्थ या क्रीम या लोशन नहीं लगाना चाहिए ऐसा इसलिए क्योंकि त्वचा पर चिकनाई आने से इलेक्ट्रोड्स त्वचा के संपर्क में नहीं आ पाते हैं।
दोस्तों ECG टेस्ट करने से पहले ठंडा पानी भी नहीं पीना चाहिए और एक्सरसाइज भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इलेक्ट्रॉनिक पैटर्न्स (Patterns) में डिफरेंस (Difference) आ सकता है। एक्सरसाइज करने से हार्टबीट या हृदय गति बढ़ सकती है और टेस्ट का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है।
ECG करवाने के दौरान क्या होता है?
ईसीजी एक बहुत जल्द होने वाला टेस्ट है साथ ही साथ इसमें किसी प्रकार की पीड़ा भी नहीं होती और यह टेस्ट आपके शरीर को किसी भी प्रकार की हानि भी नहीं पहुंचाता है।इस टेस्ट को करवाते वक्त सबसे पहले मरीज को टेबल पर लेट आया जाता है। अगर आप एक पुरुष है और आपके सीने और टांगो पर बाल हैं तो टेस्ट करवाते वक्त इन बालों को कई बार काट भी दिया जाता है ताकि टेस्ट का परिणाम गलत ना आ जाए।
जब ईसीजी मशीन आप की हृदय गति को दर्ज कर रही होती है तो उस वक्त मरीज को बिना हिले डुले लेटे रहना पड़ता है। इस टेस्ट में करीब 20 से 25 सेकेंड का वक्त लगता है। इस टेस्ट के दौरान मरीज डॉक्टर से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं कर सकता।
क्या ECG करवाने में कोई जोखिम है?
ECG टेस्ट सिर्फ आपकी हृदय की विद्युत गतिविधियों को मापता है। इसमें किसी भी प्रकार का बिजली का उत्सर्जन नहीं होता यानी यह पूरी तरह एक सुरक्षित टेस्ट है।
ECG टेस्ट रिजल्ट का क्या मतलब होता है?
ECG टेस्ट से यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति की हृदय गति (Heart Rate) धीमी है या अधिक है। ECG टेस्ट से यह भी पता चलता है कि पेशेंट के हार्ट का कौन सा हिस्सा और कितना हिस्सा डैमेज हुआ है, इससे हार्टअटैक के कारण का भी पता चलता है। दोस्तों हार्ट की मांसपेशियों या मसल्स में सही तरीके से ब्लड सप्लाई नहीं होने के कारण चेस्ट में दर्द होने लगता है तो इसका पता भी ECG टेस्ट से ही चलता है।
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